तुमी बोला जी ......प्रीतम भारतवाण जी का एक बहुत ही सुंदर प्रेम गीत । जिसे लोगो ने बहुत पसंद किया । इस गीत को प्रीतम जी और मीना जी बहुत ही प्रेम से अपनी आवाज़ दी हे । और यह शायद प्रीतम जी के सबसे अच्छे गीतों में से एक है ।
आये पढ़े इस गीत के लिरिक्स ।
आये पढ़े इस गीत के लिरिक्स ।
नुएतु आँखौं कु, हाँ मुखडी की, मुल्मुल हंशी, तरतरी नाकी,
सजीली चुठ्याली, अर सुखिली दान्त्यौं की चौहंद,
जब क्य की जवानी मा, पड़ी जांदी, और दुए प्राण,
एक हयेंका का वए जादां, तब क्य सी,
अलग अलग रए सकदन,
तुमी बोला जी .....................................
सजीली चुठ्याली, अर सुखिली दान्त्यौं की चौहंद,
जब क्य की जवानी मा, पड़ी जांदी, और दुए प्राण,
एक हयेंका का वए जादां, तब क्य सी,
अलग अलग रए सकदन,
तुमी बोला जी .....................................
तुमी बोला जी, तुमारा गाँव ओवु की न आवौं,
तुमी बोला जी माया लौं की न लौं,
तुमी बोला जी कतए ख़ुद नि मिटदी,
तुमी बोला जी क्य करूँ क्न केई रोउ ...
तुमी बोला जी माया लौं की न लौं,
तुमी बोला जी कतए ख़ुद नि मिटदी,
तुमी बोला जी क्य करूँ क्न केई रोउ ...
तुमी बोला जी हमारू हंशाड गाँव,
तुमी बोला जी यू च रिशाड गाँव,
तुमी बोला जी कुजान क्य क्य छुएं ओठली,
तुमी बोला जी कन केई मुलोऊ....
तुमी बोला जी यू च रिशाड गाँव,
तुमी बोला जी कुजान क्य क्य छुएं ओठली,
तुमी बोला जी कन केई मुलोऊ....
तुमी बोला जी, तुमारा गाँव ओवु की न आवौं,
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तेरी नाकी सजीली तेरी आंखी नशीली ,
तेरी मिजाज्य मुखडी तेरी दांती सुखिली,
तेरु गात गुन्द्क्यालू तेरु सरिल मयालु,
तेरु मठु मठु हिटाणु तेरी बात रशिली ,
चुप किलया रंडू तुमी बोला जी,
तुमी बोला तुमारा गाँव .............
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तेरी नाकी सजीली तेरी आंखी नशीली ,
तेरी मिजाज्य मुखडी तेरी दांती सुखिली,
तेरु गात गुन्द्क्यालू तेरु सरिल मयालु,
तेरु मठु मठु हिटाणु तेरी बात रशिली ,
चुप किलया रंडू तुमी बोला जी,
तुमी बोला तुमारा गाँव .............
तुमी बोला जी, तुमारा गाँव ओवु की न आवौं,
तुम्हारा गौ औ न औउ ...
तुम्हारा गौ औ न औउ ...
त्वेकू हाँ भी नि बोल्येंदु मै सी न भी नि बोल्येंदु,
दूर दूर भी नि अर धोर भी नि अयेंदु ,
डर भी लगादी.
तातू दुध फेंकेदु न गुटयेंदु
घंगतोल मा छो
ं तुमी बोला जी ,
हमारू,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,
तुमी बोला जी, तुमारा गाँव ओवु की न आवौं,
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किलया नजिक आई किलया माया लगायी ,
मेरी आश एकत्य क्य मिललू तोय ठाग्ये,
लटयाली यनु न कर वय कैसी न डर ,
कोई थोडी नि सकदू क्याकि प्रेम सगए,
हाँ सची तेरी सौं
तुमी बोला जी......
तुमी बोला जी, तुमारा गाँव ओवु की न आवौं,
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सुदी मुदी की छुय सुण्डी मुंडारु न कन,
जुग जुग तक रालू तेरु मेरु यू बंधन
माछी पाणी बिगर जुड़ी गाणी बिगर,
यन ता देखील्या अलग अलग नि रए सक्दन ,
तुमी बोला जी हमारू…………
सुदी मुदी की छुय सुण्डी मुंडारु न कन,
जुग जुग तक रालू तेरु मेरु यू बंधन
माछी पाणी बिगर जुड़ी गाणी बिगर,
यन ता देखील्या अलग अलग नि रए सक्दन ,
तुमी बोला जी हमारू…………
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