अपने ब्लॉग की सुरुआत में उस गीत से करना चाहूँगा जिस गीत को गा कर गढ़वाल में कोई भी सुभ कार्य पूरा नहीं होता .आईये नमन करे समस्त इष्ट देवी देवताओं को ..

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ॐ प्रभात कु पर्व जाग , गो सरूप पृथ्वी जाग , धर्म सरुपी आकाश जाग ,उदंकारी काँठा जाग..
भानु पंखी गरुण जाग , सप्त लोक जाग , इंद्र लोक जाग , मेघ लोक जाग......
सुर्या लोक जाग , चन्द्र लोक जाग , तारा लोक जाग , पवन लोक जाग , ब्रम्हा का वेद जाग , गोरी का गणेश जाग , हरु भरू संसार जाग , जीव जाग जीवन जाग...
सेतु समुद्र जाग , खारी समुद्र जाग , दुधी समुद्र जाग , खेराणी जाग , घोर समुद्र जाग , अघोर समुद्र जाग , प्रचंड समुद्र जाग , श्वेत बंधू रामेश्वर जाग....
हूं-हिवालू जाग , पाणी-पयाणु जाग , बाला-बैजनाथ जाग , धोली-देवप्रयाग जाग , हरी कु हरिद्वार जाग , काशी-विश्वनाथ जाग , बुढा-केदार नाथ जाग , भोला शम्भू नाथ जाग , काली-कुमाऊ जाग , चोपड़ा-चोथाण जाग , खटिम कु लिंग जाग , सोबन की गादि जाग..
दै णा होया खोली का गणेशा हे , दै णा होया मोरी का नारेणा हे
दै णा होया खोली का गणेशा हे , दै णा होया मोरी का नारेणा हे..

दै णा होया भूमि का भुम्याला हे , दै णा होया पॉँच नाम देवा हे
दै णा होया भूमि का भुम्याला हे , दै णा होया पॉँच नाम देवा हे-

दै णा होया नौ खोली का नाग हे , दै णा होया नौखंडी नरसिंघा हे-
दै णा होया नौ खोली का नाग हे , दै णा होया नौखंडी नरसिंघा हे

थोडा सा इस रचना के बारे में भी बाता देता हु .
इस गीत या आराधना या अर्चना में नरेन्द्र सिंह नेगी जी पूजा करने से पहले सभी को जगा रहे है की आप सभी जाग जाओ मुझ पर अपनी दया दृष्टी बनाओ मुझे अपना आश्रीवाद दो..
ॐ शब्द आप को पता है की ये अपने आप मे पूर्ण है और ये शब्द कितना पवित्र है..
भक्त उन सब को जगा रहे है जिनसे ये संसार चल रहा है...

सुबह की का पर्व को,गाय के सामान स्वरुप रखने वाली धरती माता को,धर्म के सामान आकाश को प्रणाम पर्वतो को प्रणाम भानु पंख की तरह मुलायम गरुण को,सातों लोकों को ,इंद्र लोक को,मेघ लोक को,सूर्य लोक को,चन्द्र लोक को,तारालोक को,पवन लोक को,ब्रह्मा जी के चारों वेदों को,हरे भरे संसार......संसार सी समस्त जीव जंतु के अलावा सभी अराध्य को जगाने के बाद वो अपनी पूजा सुरु करता है...
सर्व प्रथम वो गणेश भगवान जी प्रणाम करता है..फिर भगवान नारायण को प्रणाम..
फिर भूमि को पूज रहा है...पञ्च देवताओं को प्रणाम..
नाग देवता को प्रणाम..नरसिंह भगवान को प्रणाम.



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