Wednesday, September 21, 2016 1:37 AM

Agili Bagili he launda chandra




Agili bagili ye londa chandra ..

Agili bagili ye londa chandra ..

jhit hesi jyada ..khit hesi jyada

khit hesi jyada ..ye londa chandra

daturi dikheli ..ye londa chandra asi

daturi dikheli ..ye londa chandra

ghughuti ki gholi ..ye londa chandra

ghughuti ki gholi ..ye londa chandra

rub sig cheyunu mayali mukhudi ma ..

mayali mukhudi ma ..ye londa chandra aaa

ronak dikhede...ye londa chandra ...jara

ronak dikhede...ye londa chandra ...


ronak dikhede..he londa chandra ...
ronak dikhede..ye londa chandra ...

****************************************************

Puja baji bheri ...he londa chandra

Puja baji bheri ...he londa chandra

Maithe khud lege....aafhi khud legi ..

bhot khud legi ...he londa chandra ...

to daantu ki theri ..he londa chandra ...aha

to daantu ki theri ..he londa chandra ...a

aagwadi ka cchora he ..londa chandra ..ha ha

aagwadi ka cchora he ..londa chandra ..

hesi renu kheli ....bhedu dil kholi ..

bhedu dil kholi ...he londa chandra ...aha

jwani re ge thoda ..he londa chandra ...

jwani re ge thoda ..he londa chandra ...


ronak dikhede..he londa chandra ...
ronak dikhede..ye londa chandra ...

*******************************************

koti pisi ghana he londa chandra


koti pisi ghana he londa chandra

twe gel bina ..twe sua bina ...

.twe sua bina ...he londa chandra

mai neend ni aana ..he londa chandra ...

meku ...nindra ni aana .....

he londa chandra ...

maluti kakhari he ..londa chandra ...


maluti kakhari he ..londa chandra ...

dwi rati ku milanu ....jhuri ge praan ..

jhuri ge praan he londa chandra 

jhuri ge praan he londa chandra


ronak dikhede..he londa chandra ...
ronak dikhede..ye londa chandra ...

Friday, September 16, 2016 3:56 AM

Biji ja di laati By Narendra Singh Negi




नरेन्द्र सिंह नेगी जी का यह भावपूर्ण गाना उनकी एल्बम नयुं नयुं ब्यो च का है  बाद में इसी नाम से एक वीडियो एलबम भी निकली। एक नवविवाहिता अपने मायके आई है, अब उसके वापस ससुराल जाने का दिन आ पहुंचा है और माँ अपनी लाटी यानि प्यारी बेटी को समझाती हुए सुबह जब बेटी मइके आती है तो आराम करने के दिन होते है ससुराल मैं थक जाती है खेती बाड़ी के काम करते करते,जब मायके आती है सुबह देर तक सोती है और इसी आदत के कारन वो शसुराल जाने वाले दिन भी देर तक सोती रहती है !

बिजी जा दी लाटी, बिजी जा दी लाटी, पैठ दूर- च सैसुर, गाड स्युंदी पाटी
बिजी जा दी लाटी
खड़ हो बेटि पैट लेदि, खिजेणुं नि खाणुं – खड़ हो बेटि पैट लेदि, खिजेणुं नि खाणुं
पेटद-पेटद त्वैकु रात पोड़ि जाणुं
बिजी जा दी लाटी, पैठ दूर- च सैसुर, गाड स्युंदी पाटी
सल्पट्ट कैर झट्ट, हाथ खुट्टि ध्वै ले – सल्पट्ट कैर झट्ट, हाथ खुट्टि ध्वै ले
डाण्ड वारि बथों छ्वारि, सिनकोळि जै ले
बिजी जा दी लाटी, पैठ दूर- च सैसुर, गाड स्युंदी पाटी
बिजी जा दी लाटी
बिसोंण बिसेलि बाटा, छुयुं मां ना रेईं – बिसोंण बिसेलि बाटा, छुयुं मां ना रेईं
यकुलि छे डेरि ना ब्वै, माठु-माठु जेईं
बिजी जा दी लाटी, पैठ दूर- च सैसुर, गाड स्युंदी पाटी
बिजी जा दी लाटी
सुख राल हैंका साल त्वै मैत बुलोंलु – सुख राल हैंका साल त्वै मैत बुलोंलु
कौतिक ए मैनाध रे, दौंण दैज दयोलु
बिजी जा दी लाटी, पैठ दूर- च सैसुर, गाड स्युंदी पाटी
बिजी जा दी लाटी, पैठ दूर- च सैसुर, गाड स्युंदी पाटी
बिजी जा दी लाटी

भावार्थ –  लाटी (प्यार भरा सम्बोधन) जल्दी से उठ, तुझे बहुत दूर अपनी ससुराल पहुंचना है, उठ और अपने बाल संवार ले। बेटी! झट से उठ, गुस्सा मत कर। तेरे आलस के कारण निकलने में देर हो गई तो तुझे अपने ससुराल पहुंचते-पहुंचते रात घिर आयेगी। जदी उठ, हाथ पैर धोकर तैयार हो जाओ, मौसम का भी कोई भरोसा नहीं है। रास्ते में भले ही तू थोड़ा आराम करने के लिये बैठ जाना लेकिन रास्ते में मिलने वाले लोगों से बातचीत ही करते न रह जाना। तुझे अकेली जाना है, इसलिये अपना ध्यान रखना और आराम से जाना।यदि भगवान की कृपा से सब कुशल-मंगल रहा  तो अगले साल फिर तुझे मायके बुलाऊंगा। तू आकर कौतिक के महीने में एकाध महीने रहेगी और फिर मैं तुझे कुछ भेंट, दान-दहेज देकर विदा करूंगा।

In the hilly reason of Uttarakhand mediums of transport are not very advanced and some decades back even the communication means were not available. At that point of time one had to wait for months to hear about the well-beings of near and dear one. This song depicts the scene of that time. One daughter came to her parental house for some days and now its the time when she needs to go back. Her parents are waking her up and asking her to get ready soon so that she leaves early for her husband’s place (Sasural).  She has to travel a lot of distance and that too on her foot, so her parents are asking her to take care and not to talk to stangers for long on the way. Parents are also hopeful that if every thing is good then they would call her next year too.

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Jinderi Ghaseri Bolyu maan





भावार्थ : यह गीत एक और जहाँ पहाड़ की संघर्षशील नारी की जीवटता को दर्शाता है वहीं  दूसरी और सरकार द्वारा बिना सोचे समझे नीतियाँ बना देने की बात भी कहता है। पहाड़ की महिलाएं घास,चारे व लकड़ी के लिए वनों पर पूरी तरह निर्भर होती है। इसके लिये वह अपनी जान की बाजी भी लगाती हुई ऊंचे ऊंचे पहाड़ों और खाइयों के उपर भी चढ़ जाती है। पुराने समय में गाँव के लोगों के द्वारा ही अपने आस-पास के जंगलों को सामूहिक तरीकों से सुरक्षित करने की बहुत सटीक प्रणाली थी।। लेकिन नए वन-क़ानून लागू होने के बाद जंगलों पर सरकार ने अधिकार कर लिया और वनकर्मियों के रूप में “पहरेदार” बैठा दिए। ऐसे ही एक “पतरोल” (वन-संरक्षक) से जंगल घास काटने गई महिला की बहस हो जाती है। महिला की मजबूरी है कि उसको जंगल से घास-लकड़ी ले जानी है, तभी उसका घर चल पायेगा। पतरोल भी महिला की मजबूरी समझने के बावजूद अपना कर्तव्य कर्तव्य निभाते हुए महिला को जंगल में ना जाने की चेतावनी दे रहा है।

ना जा – ना जा तौं भेळू पखाण, जिदेरी घसेरी बोल्यूं माण
ना जा – ना जा तौं भेळू पखाण, जिदेरी घसेरी बोल्यूं माण
आंण नि देन्दी तू सरकारि बोण, गौर भैंस्यूं मिन क्या खलांण?
आंण नि देन्दी तू सरकारि बोण, गौर भैंस्यूं मिन क्या खलांण?
ना जा – ना जा – ना जा हे ना जा,
ना जा – ना जा तौं भेळू पखाण, जिदेरी घसेरी बोल्यूं माण

तेरि भों मि पतरोळ कखी भि जौऊँ, तू ड्यूटी समाळ जंगळ बचौऊं
तेरि भों मीं पतरोळ कखी भी जोंऊँ, तू ड्यूटी समाळ जंगळ बचौऊं
भेळ उन्द पोडु मीं डाळा उन्द मोरू चा जंगळ चोरु मिन घास ली जांण, गौरू भैंस्यूं थें क्या खलांण
ना जा तौं भेळू पखाण, जिदेरी घसेरी बोल्यूं माण
आंण नि देन्दी तू सरकारि बोण, गौर भैंस्यूं थें मिन क्या खलांण

गुन्दक्याळी खुट्टी तेरि खस्स रैड़ीली, पट्ट मोरि जेलि भेळ उन्द पोड़ीली
गुन्दक्याळी खुट्टी तेरि खस्स रैड़ीली, पट्ट मोरि जेलि भेळ उन्द पोड़ीली
तेरि दाथी चदीरिल, गौर-बछूरूल, सासु ससुरोंल खौळ्यूं रै जाण- जिदेरी घसेरी बोल्यूं माण
आंण नि देन्दी तू सरकारि बोण, गौर भैंस्यूं मिन क्या खलांण
ना जा – ना जा – ना जा हे ना जा,
ना जा – ना जा तौं भेळू पखाण, जिदेरी घसेरी बोल्यूं माण

बण भी सरकारी तेरो मन भी सरकारी, तिन क्या सम्झिण हम लोगु कि खैरी
बण भी सरकारी तेरो मन भी सरकारी, तिन क्या सम्झिण हम लोगु कि खैरी
जब बण जौला लाखुड़ घास लोंला, और भैंसी पिजोला तब चुल्लू जगांण, नौनळ निथर भुखि सेजांण..
ना जा – ना जा तौं भेळू पखाण, जिदेरी घसेरी बोल्यूं माण
आंण नि देन्दी तू सरकारि बोण, गौर भैंस्यूं मिन क्या खलांण

पाड़ै बेटी-ब्वार्यू कू बण ही च सारु, जणदु छौं मी भी- पर क्याजि कारू?
पाड़ै बेटी-ब्वार्यू कू बण ही च सारु, जणदु छौं मी भी- पर क्याजि कारू?
दया जु आली, साबन सुण्याली त नौकरी जाली मेरी छुट्टी ह्वै जांण, बाल-बच्चों मिन क्या खलाण?
आंण नि देन्दी तू सरकारि बोण, गौर भैंस्यूं मिन क्या खलांण
ना जा – ना जा – ना जा हे ना जा,
ना जा – ना जा तौं भेळू पखाण, जिदेरी घसेरी बोल्यूं माण
आंण नि देन्दी तू सरकारि बोण, गौर भैंस्यूं मिन क्या खलांण
जिदेरी घसेरी बोल्यूं माण
गौर भैंस्यूं मिन क्या खलांण
जिदेरी घसेरी बोल्यूं माण
गौर भैंस्यूं मिन क्या खलांण



पतरोल – सुनो जिद्दी घसियारन, मेरी बात मान जाओ और जंगल में मत जाओ। महिला – तुम मुझे सरकारी जंगल में आने से रोकते हो, अगर मैं घास नहीं ले गई तो मेरी गाय-भैंस भला क्या खायेंगी? महिला आगे कहती है – मैं चाहे किसी खाई में गिर कर मर जाऊं या किसी पेड़ की डाली से गिर पडूं। मुझे घास तो लेकर ही जानी है, वरना मैं अपनी गाय-भैंस को क्या खिलाउंगी? मैं कहीं भी जाऊं, तुम मेरी परवाह मत करो। अपनी नौकरी संभालो – जंगल बचाओ।

पतरोल महिला को डराते हुए कहता है – तेरा यह कोमल पैर कहीं फिसल पड़े तो किसी गहरी खाई में गिर कर मर जाओगी। फिर तुम्हारी यह घास ले जाने की चादर और दान्तुली ऐसे ही रह जायेगी। सोच लो, फिर ये गाय-भैंस और सास-ससुर किसी काम नहीं आयंगे। मेरी बात मान जाओ।

महिला पतरोल से खिन्न होकर कहती है – तुम्हारा मन भी जंगल की तरह ही सरकारी और निष्ठुर हो गया है। तुम मेरी इतनी सी बात क्यों नहीं समझ रहे हो कि जब मैं घास-लकड़ी लेकर घर जाउंगी, गाय-भैंस को घास खिलाउंगी। लकड़ी से चूल्हा जलाऊँगी। वरना मेरे बच्चों को भूखे ही सोना पडेगा।

पतरोल अपनी मजबूरी बताते हुए कहता है – मैं समझता हूँ कि पहाड़ की बेटी-बहुओं के लिए जंगल ही सब कुछ है, क्या मुझे पता नहीं है? लेकिन तुम खुद सोचो, मैंने तुम पर दया करके तुम्हे जंगल में जाने दिया, यह बात मेरे अधिकारी को पता चल गई तो नौकरी से मेरी छुट्टी हो जायेगी। मेरे भी तो बच्चे भूखे मर जायेंगे। इसलिए मेरी बात मान जाओ और घास-लकड़ी लेने के लिए इस जंगल में जाने का अपना इरादा छोड़ दो।

Essence of song : In hilly area of Uttarakhand the life of woman is not easy. Apart from lot of work she has to go to high hills to collect fodder, grass and fuel-wood.Many times those hills are dangerous and every year many women die when they go for such fodder collection. This song brings that aspect of hilly women in light. One <em>patrol</em> (Forest Guard) asks a woman not to go to forest for fodder, grass collection as those forests are under the control of government. Woman replies that she will have to go as her cattle (cows-buffalos) would not have anything to eat. Forest guard also warns her that if she accidently slips then she would surly die but woman says that she has no fear of dying. She also says to forest guard that like government he is also emotionless and does not understand the pain of her. Forest guard replies that he understands that it is important for hilly woman to go for fodder grass and fuel wood collection but he (forest guard) is a government employee and if his seniors come to know about this he would be in deep trouble.

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Sunday, September 11, 2016 7:21 AM

Bo chaantha ucha ucha by narendra singh negi



wo chanthaa uncha uncha chaantha ....
ye daanda bada bada daanda ...
wo chanthaa uncha uncha chaantha ....
ye daanda bada bada daanda ...
yu daando se bhi bada ...
dukh mera baanthha .....
wo chanthaa uncha uncha chaantha ....
ye daanda bada bada daanda ...
maangi bheek khateyi ..paayi cheez harchi ..
bhharya bhaanda hwe geni reet mera
bhharya bhaanda hwe geni reet mera
mera roothi ni mese ..peeth pheri mero n
chhodi geni ..yakhuli ye andhera ..
chhodi geni ..yakhuli ye andhera ..
wo haisda chhata chhata ..ujyala ..
wo haisda chhata chhata ..ujyala ..
ye roonda ..ghon ghon andhera
yu andhero se ghhoni ...
peeda mera baanthha ...
peeda mera baanthha ...
wo chanthaa uncha uncha chaantha ....
ye daanda bada bada daanda ...
wo chanthaa uncha uncha chaantha ....
ye daanda bada bada daanda ...
harsh harchi mukhi ko..
sookh geni rusey ki ...
khhutu sookha sena ..ma rodi meru ..
khhutu sookha sena ..ma rodi meru ..
mi chho laad jog ma ...chaag ni re bhaagyan
sukh selu samoni bodi meru ...
ye mamta ...meethi meethi mamta ...
ye mamta ...meethi meethi mamta ...
ye bipda badi badi bipda
yu bipda se badu ..khop mera baantha ..
wo chanthaa uncha uncha chaantha ....
ye daanda bada bada daanda ...
wo chanthaa uncha uncha chaantha ....
ye daanda bada bada daanda ...

टपकारा


तेरी खट्ठी मीठी याद ..तो याद कु स्वाद..
तेरी खट्ठी मीठी याद ..तो याद कु स्वाद..
तेरा दगड़ा ...दगड़ी चली गेनी....
मेमा रह गेनी ...टप .....टपकरा
मेमा रह गेनी ...बस .....टपकरा
फरफुरु भात सी खिलखिलान्दी हेसी..
फरफुरु भात सी खिलखिलान्दी हेसी..
दरबड़ी दाल सी ..छुई तेरी मन बसी..
सपोडा सपोड़ी का दिन....हो...ओओ
सपोडा सपोड़ी का दिन..
लरका तार्कि का बार
तेरा दगड़ा ...दगड़ी चली गेनी....
मेमा रह गेनी ...टप .....टपकरा
मेमा रह गेनी ...बस .....टपकरा

Bhol jab fir raat khulali...dharti ma nayi podh jamali

भोल जब फिर रात खुलाली
(कल जब फिर रात खुलेगी )
.
धरती मा नयी पौद जमाली
(धरती मे नयी पौधे जमेगी )
.
पुराना डाला खंगारा ह्वेकि
(पुराने पेड़ सूख जाएँगे )
.
नयी लागुल्युन सारु दयाला
(नयी बेलों को सहारा देंगे)
.
मी ता नि रौलू मेरा भूलों तुम दगडी ये गीत राला..
(मैं तो नही रहूँगा मेरे भाइयो पर तुम्हारे साथ मेरे ये गीत रहेंगे)
.
भोल जब फिर रात खुलाली
(कल जब फिर रात खुलेगी)
*************************
इखी ये माटॅम जन्म्यु मी भी
(यही इसी मिट्टी मे मैने भी जन्म लिया)
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मेरी भी बोटी रै अंग्वाल-2
(उस वक़्त मेरी भी मुट्ठी बंद ही थी)
.
भारा खैरी का सरिनी मं भी
(दुख के बोझ मैंनेभी ढोय)
.
मी भी हित्युं उन्दरी उकाल
(मैं भी उँचे नीचे रास्तों पर चला)
.
डालियुं कु छैल अर बाठों का गारा..
(पेड़ों की छाया और रास्तों के पत्थर )
.
मेरा हिटयां की गवै दयाला
(मेरे चलने की गवाही देंगे)
.
मी ता नि रौलू मेरा भूलों तुम दगडी ये गीत राला
(मैं तो नही रहूँगा मेरे भाइयो पर तुम्हारे साथ मेरे ये गीत रहेंगे)
.
भोल जब फिर रात खुलाली
(कल जब फिर रात खुलेगी)
******************
बरखा बर्खाली घाम चमकला
(बारिश होगी धूप भी चमकेगी)
सुख दुःख आना जाना राला..
(सुख दुख तो आते और जाते रहेंगे)
.
खुच्ल्यो मा हंसदा खेल्दा बेटुला
(गोदी मे हंसते खेलते बेटियाँ )
.
देखदा देखदा ब्वारी हवे जाला
(देखते देखते किसी की बहू हो जाएँगी)
.
भोल ये फुलमुंडया सासू बानिकी
(कल फिर बूढ़े होके जब सास बनेंगी )
.
नयी नयी ब्वार्युं रुवाला
(ये भी नयी नयी बहुओं को रुलाएँगी)
.
मी ता नि रौलू मेरा भूलों तुम दगडी ये गीत राला
(मैं तो नही रहूँगा मेरे भाइयो पर तुम्हारे साथ मेरे ये गीत रहेंगे)
.
भोल जब फिर रात खुलाली
(कल जब फिर रात खुलेगी)
********************
बस्ग्याल रुजू ह्युन्द कौन्पू
(मैं भी बरसात मे भीगा सर्दियों मे काँपा भी )
.
मिन भी साईं रुड्युं की मार
(मैने भी गर्मियों की मार सही)
.
मिल भी बरती ऋतू बसंत
(मैने भी बसंत ऋतु देखी)
.
मी परे भी ऐए मौल्यार
(मुझमे भी नयी जवानी और ताज़गी आई)
.
मिन भी के छै आस कई की
(मैने भी किसी की आस की थी सपने देखे थे )
.
ये डांडा काँठा छविं लगाला
(ये जंगल पर्वत उसकी बातें करेंगे गवाही देंगे )
.
मी ता नि रौलू मेरा भूलों तुम दगडी ये गीत राला
(मैं तो नही रहूँगा मेरे भाइयो पर तुम्हारे साथ मेरे ये गीत रहेंगे)
.
भोल जब फिर रात खुलाली
(कल जब फिर रात खुलेगी)
**********************
मेरा भी अपडा पर्याँ हर्चिनी
(मैने भी अचानक अपने पराए भी खोए हैं )
मेला खोलो मा अचनचाकी
(इस दुनिया रूपी मेलों मे )
.
मी भी रोयुं भाकोरा भाकोरी
(मैं भी चीख चीख कर ज़ोर से रोया हूँ)
.
आंसू आंख्युं मा रैनी जब तक..
(आँखों मे आँसू रहे हैं जब तक तब तक )
.
कौथिग यानि विरेन राला..
ये दुनिया तो मेला है, मेले ऐसे ही होते रहेंगे)
.
नया नया कौथिगेर आला
(कल फिर नये नये मेले लगेंगे और नये घूमने वाले आएँगे )
.
मी ता नि रौलू मेरा भूलों तुम दगडी ये गीत राला
(मैं तो नही रहूँगा मेरे भाइयो पर तुम्हारे साथ मेरे ये गीत रहेंगे)
.
भोल जब फिर रात खुलाली
(कल जब फिर रात खुलेगी)
**********************
मिल भी सैनी फुल्ल्वा कांडा
(मैने भी फूलों के काँटे सहे हैं)
.
गित्वी माला गन्च्यानौ कु-
(अपने गीतों की माला बनाने के लिए)
.
जन द्वि एकी गीत मिन भी
(एक दो गीत मैने भी गये)
.
कई निरुन्दौ हैन्सानाऊ कु-
(कई रोते हुवे को हँसने के लिए)
.
हैस्दारा जब भोल बिसरी जाला
(हँसने वाले जब कल भूल जाएँगे)
.
रोंदारा रवे रवे की सम्लाना राला
(और रोने वाले रो रो के याद करते रहेंगे)
.
(मैं तो नही रहूँगा मेरे भाइयो पर तुम्हारे साथ मेरे ये गीत रहेंगे)
मी ता नि रौलू मेरा भूलों तुम दगडी ये गीत राला
भोल जब फिर रात खुलाली
(कल जब फिर रात खुलेगी)

hey dayalu bhagwati ..daya kari kirpa kari


हे दयालू भगवती ,दया करी ..किरपा करी .. 
हे दयालू भगवती ,दया करी ..किरपा करी ..
मेरी भी अंशधारी फुन्झ मा, मनकामना पूरन करी .. 
हे कृपालु महासती दुख हरी बिपदा हरी ..
मेरी भी अंशधारी फुन्झ मा, मनकामना पूरन करी ..
हे दयालू भगवती ,दया करी ..किरपा करी ..
तेरी कृपा कु भूकू छो माँ , तेरी किरपा कु तिशालू छो..
हे माता , सकल भवानी ....भवानी ..
तेरी कृपा कु भूकू छो माँ , तेरी किरपा कु तिशालू छो..
उदिंदु छो तेरा दर्शाना कु, मै भी माँ तेरु बलू छो ..
मेरी भी अंशधरी फूंज माँ , मनकामना पूरण करी ..
हे दयालू भगवती ,दया करी ..किरपा करी ..
एयबु का ब्य्संनयु का धुल माँ ...छो पोडनु बेस्हरू माँ ..
हे माता ..सकल भवानी...भवानी ..
शांत कर चित दूर कर ...चिंता फिकर कु अन्ध्यारु माँ ..
मेरी भी अंशधारी फूंझ मा, मनोकामना पूरण करी ..
हे दयालू भगवती ,दया करी ..किरपा करी ..
गुरु नि मिली कैन बटनी बाटो मा..तेरा थानी को ..
हे माता सकल भवानी ...भवानी ..
बिरडी गयों जख तक भटकनु, तरसनु छो ज्ञान को ..
मेरी भी अंशधारी फूंज माँ , मनकामना पूरण करी ...
हे दयालू भगवती ,दया करी ..किरपा करी ..

tu holi unchi daandyu ma beera ghasiyari ka bhes ma lyrics | jeet singh negi


तू होली ऊँची डांडीयूँ मा बीरा घस्यरी का भेस मा
खुद मा तेरी सड़कयूँ पर में रोनू छौं परदेश मा...
.
ऊँची निसी डांडी गाड गद्न्या हिसर अर किन्गोड़ ला
छुल बुल बन ग्ये होली डाली ग्वेर दगडया तोडला
..
.
घनी कुनाल्युन का बिच अर बांज की डाली का छैल मा
बेटी ब्वारी बैठी होली बैख होला याद मा
..
सर्र सर्र हवा आणि होली बद्रीनाथ का डांडा की ..
मुख मा लटुली उडनी होली ठंडी हवा न डांडा की
....
पर मी मोरनू छौं घाम अर तीस न ये देश मा
खुद मा तेरी सड़कयूँ पर मी रोनू छौं परदेश मा
.
.
तू होली ऊँची डांडीयूँ मा बीरा घस्यरी का भेस मा
खुद मा तेरी सड़कयूँ पर में रोनू छौं परदेश मा
रोनू छौं परदेश मा
..
गौडी भैंसी म्वा म्वा करदी रमदी लैंदी जब आली
वुंकी गुसैन भांडी लेकी गौडी भैंसी पिजाली
श्रौन भादौ का मैना लोग धाणी सब जाला
वुनका जनाना स्वामी कु अपड़ा स्यारों रोटी लिजाला
मूला की भुज्जी प्याज कु साग दै की कटोरी भोरी की
कोदा की अफुकू स्वामी कु ग्यून की रोटी खलल चोरी की
पर मी भुखू सी छौं अपड़ा स्वाद बिना ये देश मा
खुद मा तेरी सड़कयूँ पर मी रोनू छौं परदेश मा
..
...
तू होली ऊँची डांडीयूँ मा बीरा घस्यरी का भेस मा
खुद मा तेरी सड़कयूँ पर में रोनू छौं परदेश मा
रोनू छौं परदेश मा...

tu holi beera uncha daando ka vano ma



तू होली बीरा ...हा तू होली बीरा ..
ऊँचा डांडा की छन्यु मा ....हे बीरा डांडा छ्न्युमा ..
मै औका सोंगा दिन कटणु यख बन्यु की दुकान्यु मा ..
मै औका सोंगा दिन कटणु छो बन्यु की दुकान्यु मा ..
तू होली बीरा ...हा तू होली बीरा ..
ऊँचा डांडा की छन्यु मा ....हे बीरा डांडा छ्न्युमा ..
मै औका सोंगा दिन कटणु यख बन्यु की दुकान्यु मा ..
मै औका सोंगा दिन कटणु छो बन्यु की दुकान्यु मा ..
ह्युन्दो कु जाडु बीरा रुडियु कु घाम ..
12 मैनो ह्व़े गे त्वेथे पुनगुडियु कु काम ...
ह्युन्दो कु जाडु बीरा रुडियु कु घाम ..
12 मैनो ह्व़े गे त्वेथे पुनगुडियु कु काम ...
तू होली बीरा ...हा तू होली बीरा ..
ऊँचा डांडा की छन्यु मा ....हे बीरा डांडा छ्न्युमा ..
मै औका सोंगा दिन कटणु यख बन्यु की दुकान्यु मा ..
मै औका सोंगा दिन कटणु छो बन्यु की दुकान्यु मा ..

Friday, September 9, 2016 1:52 AM

Mera aun se harsh hwe to holu | Narendra Singh Negi


मेरा औण से हर्ष हो  कै तो व्हेल्यो ,
मेरा औण से हर्ष हो के  त व्हेल्यो ,
ना हो मेरा जाणा कु दुःख कै न हो.... दुःख कै न हो ...

मेरा...सुख मा हैंसणा कु न्यूतू सभु कू .....
मेरा दुःख मा रोणा कू हक कै न हो.... हक कै न हो ...
मेरा औण से हर्ष हो  कै तो व्हेल्यो....

मुलूक हो परायु,
मुलूक हो परायु, खुद हो तुम्हारी..खुद हो तुम्हारी
मुलूक हो परायु, खुद हो तुम्हारी,खुद हो तुम्हारी
पीड़ा हो कि ज्वा आज तक सै न हो, आज तक सै न हो
पीड़ा हो कि ज्वा आज तक सै न हो, आज तक सै न हो

बडूल्यूं मा रैबार...
बडूल्यूं मा रैबार भेजी नि ऐनी..भेजी नि ऐनी,
बडूल्यूं मा रैबार भेजी नि ऐनी..भेजी नि ऐनी,
क्या सुपिन्यम भी आणा कु बकत रै न हो, बकत रै न हो
क्या सुपिन्यम भी आणा कु बकत रै न हो, बकत रै न हो

कख बड़ीनि खुटी वो, किले नि बौडी होली,किले नि बौडी होली,
कख बड़ीनि खुटी वो, किले नि बौडी होली..किले नि बौडी होली,
कखी सौतेला बाठों न भक्लै न हो, भक्लै न हो ..
कखी सौतेला बाठों न भक्लै न हो, भक्लै न हो ..

ज्वनि माटू, ह्वेगी ढून्गू व्हे पराण,
ज्वनि माटू, ह्वेगी ढून्गू व्हे पराण,ढून्गू व्हे पराण,
ज्वनि  माटू,ह्वेगी ढून्गू व्हे पराण,ढून्गू व्हे पराण,
कभी सुख ऐ जालू त रगरै न हो रगरै न हो ..

मेरा औण से हर्ष हवे व्हेल्यो त कै,
ना हो मेरा जाणा कु दुःख कै न हो, दुःख कै न हो
मेरा सुख मा हैंसणा कु न्यूतू सभु कू
मेरा दुःख मा रोणा कू हक कै न हो, हक कै न हो...

हक कै न हो.हक कै न हो....

Tuesday, September 6, 2016 5:58 AM

Otuva belena Otuva belena meri rashmi rumela otuva belena lyrics | Garhwali song | Narendra Singh Negi | ओटूवा वेलेणा



ओटूवा बेलेणा  ...ओटूवा बेलेणा मेरी रश्मि रुमैला 
ओटूवा बेलेणा...
{ओटूवा बेलेणा ...ओटूवा बेलेणा मेरी रश्मि रुमैला 
ओटूवा बेलेणा...}

जायान बागीता ऐजाणु खेलेणा मेरी रेशमी रुमैला ऐजाणु खेलेणा
{जायान बागीता ऐजाणु खेलेणा मेरी रेशमी रुमैला ऐजाणु खेलेणा}

ताकुलू ऊनी कु ताकुलू ऊनी कु मेरी रश्मि रूमेला ताकुलू ऊनी कु
{ताकुलू ऊनी कु ताकुलू ऊनी कु मेरी रश्मि रूमेला ताकुलू ऊनी कु}


जायांन बगीता उज्यालु जुनी कु मेरी रश्मि रूमेला उज्यालु जुनी कु
{जायांन बगीता उज्यालु जुनी कु मेरी रश्मि रूमेला उज्यालु जुनी कु}

बेडू पक्या बोरू -बेडू पक्या बोरू मेरी, रश्मि रूमेला बेडू पक्या बोरू
{बेडू पक्या बोरू -बेडू पक्या बोरू मेरी, रश्मि रूमेला बेडू पक्या बोरू}

उज्यालू जुनीकू मै याखुल्या डोरू मेरी, रश्मि रूमेला मै याखुल्या डोरू

{उज्यालू जुनीकू मै याखुल्या डोरू मेरी, रश्मि रूमेला मै याखुल्या डोरू}

चीने इ भड़ेती, चीने इ भड़ेती मेरी, रश्मि रूमेला चीने इ भड़ेती
{चीने इ भड़ेती, चीने इ भड़ेती मेरी, रश्मि रूमेला चीने इ भड़ेती }

तू याखुल्या डोरू मी दियुलू आडेथि मेरी, रश्मि रूमेला मी दियुलू 
आडेथि
{तू याखुल्या डोरू मी दियुलू आडेथि मेरी, रश्मि रूमेला मी दियुलू आडेथि }

पाणी को गाजर पाणी को गाजर मेरी, रश्मि रूमेला पाणी को गाजर
{पाणी को गाजर पाणी को गाजर मेरी, रश्मि रूमेला पाणी को गाजर}
कन भलू लगादु नोगाऊ बाजार मेरी, रश्मि रूमेला नोगाऊ बाजार
{कन भलू लगादु नोगाऊ बाजार मेरी, रश्मि रूमेला नोगाऊ बाजार}

ओटूवा वेलेणा ओटूवा वेलेणा मेरी, रसमी रुमैला ओटूवा वेलेणा....

{ओटूवा वेलेणा ओटूवा वेलेणा मेरी, रसमी रुमैला ओटूवा वेलेणा....}{अम्बे   से  अम्बे से }
जायांन बगीता उज्यालु जुनी कु मेरी रश्मि रूमेला उज्यालु जुनी कु
{जायांन बगीता उज्यालु जुनी कु मेरी रश्मि रूमेला उज्यालु जुनी कु}{शबाशे  शबासे }

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