नरेन्द्र सिंह नेगी जी का यह भावपूर्ण गाना उनकी एल्बम नयुं नयुं ब्यो च का है  बाद में इसी नाम से एक वीडियो एलबम भी निकली। एक नवविवाहिता अपने मायके आई है, अब उसके वापस ससुराल जाने का दिन आ पहुंचा है और माँ अपनी लाटी यानि प्यारी बेटी को समझाती हुए सुबह जब बेटी मइके आती है तो आराम करने के दिन होते है ससुराल मैं थक जाती है खेती बाड़ी के काम करते करते,जब मायके आती है सुबह देर तक सोती है और इसी आदत के कारन वो शसुराल जाने वाले दिन भी देर तक सोती रहती है !

बिजी जा दी लाटी, बिजी जा दी लाटी, पैठ दूर- च सैसुर, गाड स्युंदी पाटी
बिजी जा दी लाटी
खड़ हो बेटि पैट लेदि, खिजेणुं नि खाणुं – खड़ हो बेटि पैट लेदि, खिजेणुं नि खाणुं
पेटद-पेटद त्वैकु रात पोड़ि जाणुं
बिजी जा दी लाटी, पैठ दूर- च सैसुर, गाड स्युंदी पाटी
सल्पट्ट कैर झट्ट, हाथ खुट्टि ध्वै ले – सल्पट्ट कैर झट्ट, हाथ खुट्टि ध्वै ले
डाण्ड वारि बथों छ्वारि, सिनकोळि जै ले
बिजी जा दी लाटी, पैठ दूर- च सैसुर, गाड स्युंदी पाटी
बिजी जा दी लाटी
बिसोंण बिसेलि बाटा, छुयुं मां ना रेईं – बिसोंण बिसेलि बाटा, छुयुं मां ना रेईं
यकुलि छे डेरि ना ब्वै, माठु-माठु जेईं
बिजी जा दी लाटी, पैठ दूर- च सैसुर, गाड स्युंदी पाटी
बिजी जा दी लाटी
सुख राल हैंका साल त्वै मैत बुलोंलु – सुख राल हैंका साल त्वै मैत बुलोंलु
कौतिक ए मैनाध रे, दौंण दैज दयोलु
बिजी जा दी लाटी, पैठ दूर- च सैसुर, गाड स्युंदी पाटी
बिजी जा दी लाटी, पैठ दूर- च सैसुर, गाड स्युंदी पाटी
बिजी जा दी लाटी

भावार्थ –  लाटी (प्यार भरा सम्बोधन) जल्दी से उठ, तुझे बहुत दूर अपनी ससुराल पहुंचना है, उठ और अपने बाल संवार ले। बेटी! झट से उठ, गुस्सा मत कर। तेरे आलस के कारण निकलने में देर हो गई तो तुझे अपने ससुराल पहुंचते-पहुंचते रात घिर आयेगी। जदी उठ, हाथ पैर धोकर तैयार हो जाओ, मौसम का भी कोई भरोसा नहीं है। रास्ते में भले ही तू थोड़ा आराम करने के लिये बैठ जाना लेकिन रास्ते में मिलने वाले लोगों से बातचीत ही करते न रह जाना। तुझे अकेली जाना है, इसलिये अपना ध्यान रखना और आराम से जाना।यदि भगवान की कृपा से सब कुशल-मंगल रहा  तो अगले साल फिर तुझे मायके बुलाऊंगा। तू आकर कौतिक के महीने में एकाध महीने रहेगी और फिर मैं तुझे कुछ भेंट, दान-दहेज देकर विदा करूंगा।

In the hilly reason of Uttarakhand mediums of transport are not very advanced and some decades back even the communication means were not available. At that point of time one had to wait for months to hear about the well-beings of near and dear one. This song depicts the scene of that time. One daughter came to her parental house for some days and now its the time when she needs to go back. Her parents are waking her up and asking her to get ready soon so that she leaves early for her husband’s place (Sasural).  She has to travel a lot of distance and that too on her foot, so her parents are asking her to take care and not to talk to stangers for long on the way. Parents are also hopeful that if every thing is good then they would call her next year too.

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