माछी पानी सी जियु तेरु मेरु
हो ,
बिना तेरो नि जियेंदु , नि रायेदु तवे बिना ,
दियू बाटी सी जिए तेरु मेरु हो ,
बिना तेरो नि जियेंदु , नि रायेंदु तवे बिना ,
दिन डूबी धारु पोर , ख़ुद खेवायीं ऐ घोर ,
फिर अन्खियुं बस्ग्यल , फिर उमाली उमाल ,
फिर उमाली उमाल सुवा हो ...............
बिना तेरा नि थम्देदु , नि थामेदु तवे बिना
माछी पानी सी जियु तेरु मेरु
हो....................
ऋतू मोल्यार की औन्दी , फूल दालियुं
हैसौन्दी ,
भन्दया बरसुं मा एस्न्सू , मन
बोडा मी भी हंसू
मन बोदु मी भी हंसू सुवा हो ...........
बिना तेरा नि हैसंदु , नि हैसंदु तवे बिना ,
दियू बाटी सी .........................
पांडा सुचानी सिलोती , उबर
उन्घनी ज़नदारी ,
चौक ताप्रानु उर्ख्यालू , बातु हैराणु चुल्खंदु ,
बातु हैराणु चुल्खंदु सुवा हो ...............
बिना तेरा नि गयेंदु , नि गयेंदु तवे बिना
माछी पानी सी जियु तेरु मेरु
हो ,
मोअरी चैत्वाली गुम्दोदी ,
गीत माया का सुनोदी ,
मन बोदु मी भी गौण , गौण ख़ुद बिस्रौं
गौण ख़ुद बिस्रौं सुवा हो ................
बिना तेरा नि गयेंदु , नि गयेंदु तवे बिना
दियू बाटी सी ..