घुघुती घुरोण लगी मेरा मैत की..
बौडी बौडी एय गी ऋतू , ऋतू चेत की..
घुघुती घुरोण लगी मेरा मैत की..
बौडी बौडी एय गे ऋतू , ऋतू चेत की..
{
मेरे मायके की घुघुती(पहाड़ी कबूतर) पुकारने लगी है
धीरे धीरे चैत् का महिना(मार्च-अप्रैल) आ गया है ..
}
डांडी कांठियों को ह्यू, गौली गे होलू
मेरा मेता को बण , मौली गे होलू
डांडी कांठियों को ह्यू, गौली गे होलू
मेरा मेता को बण, मौली गे होलू
{
ऊँची बर्फीली पहाड़ीयो में बर्फ गल गयी होगी ...
मेरे मायके के जंगल कोंपलो से लद गए होंगे ..
}
चखुला घोलू छोडी , उड़ना हा वला
चखुला घोलू छोडी , उड़ना हा वला
बेठुला मेतुड़ा कु , पेटना हा वला
घुगुती घुरोण लगी .......हो हो ..
घुगुती घुरोण लगी ..म्यारा मैत की..
बौडी बौडी ऐ गे ऋतू ,...ऋतू चेत की..
हो ऋतू , ऋतू चेत की..
{
पंछी घर को छोड़ के उड़ रहे होंगे ..
मायके में घर में बेठे लोग बाहर निकल रहे होंगे ..
}
डाँडो खिलना होला , बुरांसी का फूल
पांख्यु हैसनी होली , फ्योली मोल मोल
डाँडो खिलना होला , बुरांसी का फूल
पांख्यु हैसनी होली , फ्योली मोल मोल
{
ऊँचे पहाड़ो में बुरांस के फूल खिल रहे होंगे ..
और रास्ते के सारे पुष्प चुपके चुपके हंस रहे होंगे ..
}
फुलारी फुल्पाती लेकी , डेल्यु डेल्यु जा वला
फुलारी फुल्पाती लेकी , डेल्यु डेल्यु जा वला
दगडया भग्यान थडया, चौपाल ला गला
घुगुती घुरोण लागी म्यार मैत की...
बौडी बौडी आयी गे ऋतू , ऋतू चेत की
ऋतू, ऋतू चैत की, ऋतू, ऋतू चेत की...
{
फुलारी फूल पत्तो को लेकर घरो घरो में जा रही होंगी
भाग्यवान दोस्त आपस में थड्या और चोपाल(लोक नृत्य) लगा रहे होंगे ..
}
तिबरी मा बैठ्या होला,.. बाबाजी उदास
बाटू हेरनी होली माजी , लगी होली सास..
तिबरी मा बैठ्या होला,.. बाबाजी उदास
बाटू हेरनी होली माजी , लगी होली सास..
{
तिबरी(पहाड़ी मकानों की बालकोनी) में पिताजी उदास बैठे होंगे ..
रास्ता देख रही होंगी माँ जी ...आस लगी होगी की ...
}
कब म्यारा मैती औजी , देसा भेंटी आला
कब म्यारा मैती औजी , देसा भेंटी आला
कब म्यारा भाई बहनों की राजी खुशी ल्याला
{
कब मेरे मायके के औजी(ढोल दमाऊ बजाने वाले ) ..
गाँव गाँव घूमेंगे (और बेटी बहुओ को मायके की खबर देंगे )
और कब मेरे भाई बहेनो की अच्छी खबर लायेंगे .
}
घुगुती घुरोण लागी म्यार मैत की
बौडी बौडी आयी गे ऋतू , ऋतू चेत की
ऋतू, ऋतू चैत की, ऋतू, ऋतू चेत की
ऋतू, ऋतू चैत की, ऋतू, ऋतू चेत की
ऋतू, ऋतू चैत की, ऋतू, ऋतू चेत की
ऋतू, ऋतू चैत की, ऋतू, ऋतू चेत की
great work amit.. :)
ReplyDeleteExellent....dada
ReplyDeleteI was looking for Nepali song sung by Charu Semwal and come across this beautiful song. This song speaks the sorrow of Nepali hills women too. While listening to the song, I did not much understand it but when I saw your lyrics I could well understand. So many words are similar like danda,pakha, hiun (snow), bato, hola, maita or maiti, Ful pati, dailu (we say dailo) etc. In fact 80 % of the words are similar just difference in pronunciation. Few words slightly differ like Burans(we say Gurans),mulu mulu (musu musu)etc. Some words are totally different like Ghughuti (here we say Dhukkur); Tibari (Bardali), baudi(bistarai), chakula(Chara ).
ReplyDeleteI have seen you mentioned Nyeuli in your description, Nyeuli or nyauli here in Nepal is a kind of bird that is known for its sad singing…it is symbol of sadness in Nepali folk songs too.
Once again thanks for your efforts.
Waah super,
ReplyDeleteI think bitula maitada ku paitna whala means “betiyan apne mayke ke liye taiyar ho rahi hingi”
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