माछु पाणी पेंदू नी दिखे,
पंछी डाला सेंदी नी देखै
लेंदू छै च भैजी घूस सभी जाणदन ..
लेंदू छै च भैजी घूस सभी जाणदन ..
पर केकु लेंदू नी दीखैंद।।
पंछी डाला सेंदी नी देखै
लेंदू छै च भैजी घूस सभी जाणदन ..
लेंदू छै च भैजी घूस सभी जाणदन ..
पर केकु लेंदू नी दीखैंद।।
मच्छी पानी पीते हुए नहीं दिखती, पक्षी डाल पर सोते हुए नी दिखते
सब जानते है की अफसर भाई घूस लेता है, पर कभी लेते हुए नहीं दीखता।
सब जानते है की अफसर भाई घूस लेता है, पर कभी लेते हुए नहीं दीखता।
कहने का मतलब की आजकल सरकारी दफ्तरों में भ्रस्टाचार इतना ज्यादा हो चूका हे की सभी भ्रस्ट हो चुके हे । इसी लिए किसी को कोई भी घूस लेते हुए नहीं दीखता ।
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