चंदी बटण ,भैजी कुर्ती कौलर मा,
मेरी भनुली जईं च ब्यूटी पालर मा
चंदी बटण ,भैजी कुर्ती कौलर मा,
मेरी भनुली जईं च ब्यूटी पालर मा
ब्यूटी पालर मा भनुली, ब्यूटी पालर मा,
मेरी भनुली जईं च ब्यूटी पालर मा ।
ब्यूटी पालर मा भनुली, ब्यूटी पालर मा,
मेरी भनुली जईं च ब्यूटी पालर मा ।
सुबेर उठीक पली सीसा वैते चैंदु,
फ़ैशन देखीक वैकु परेशान रैन्दु ।
किरीम पोडर वैका नखरा छन हजार ,
खुटियों मा सैंडल पैरी चली जांदी बजार ।
चंदी बटण ,भैजी कुर्ती कौलर मा,
मेरी भनुली जईं च ब्यूटी पालर मा
ब्यूटी पालर मा भनुली, ब्यूटी पालर मा,
मेरी भनुली जईं च ब्यूटी पालर मा ।
ब्यूटी पालर मा भनुली, ब्यूटी पालर मा,
मेरी भनुली जईं च ब्यूटी पालर मा ।
काम धाम छोड़ी मेंमु घुमनी चली जांदी
सारा दिन घुमी फिर रात घोर आंदी ..
कभी पुन्गुड़यो जांदी कभी छुयो मा मिसी जांदी
अपनी फैशन की छुई सब्यु मा लगान्दी
चंदी बटण ,भैजी कुर्ती कौलर मा,
मेरी भनुली जईं च ब्यूटी पालर मा
ब्यूटी पालर मा भनुली, ब्यूटी पालर मा,
मेरी भनुली जईं च ब्यूटी पालर मा ।
लिरिक्स आभार :श्री संदीप काला जी