ये गीत चमोली  के  प्रतिभाशाली  गीतकार किशन  महिपाल  द्वारा  रचित एक  बेहद  ही  कर्णप्रिय रचना है  जिसमे मीना  राणा जी  ने  चार  चाँद  लगा  दिए  है .
यह गीत  भाना नाम  की पहाड़ी  लड़की  और  उनके  जीजा के  बीच  प्रेम वार्ता  को  दर्शाता  है . दोनों  ही दूर  रह के भी एक  दुसरे को  बहुत याद करते  है  और  एक दुसरे  को फ़ोन द्वारा हालचाल पूछते है . इसी प्लेटफार्म  में  यह गीत  रचा  गया  है .

ओ भाना रंगीली भाना ओ भाना रंगीली ..
भाना ओ रंगीली भाना ओ भाना रंगीली ..
ओ भाना रंगीली भाना ओ भाना रंगीली ..
भाना ओ रंगीली भाना बल ओ भाना रंगीली .

ओ भीना रंगीलो भीना मोहना रंगीलो ..
भीना ओ रंगीलो भीना मोहना रंगीलो ..
ओ भाना रंगीली भाना ओ भाना रंगीली ..
भाना ओ रंगीली भाना बल ओ भाना रंगीली .

हिमालय की ठंडी हवा, कुलाई की छाया ..
के दुनिया बातोंउ हे भाना तेरी मेरी माया..
के दुनिया बातोंउ हे भाना तेरी मेरी माया..2

ओ भाना रंगीली भाना ओ भाना रंगीली ..
भाना ओ रंगीली भाना बल ओ भाना रंगीली ..
पाणी को मसिक हे भीना ..पानी को मसिक..
तू भुलाण भूल जेई मै भूलू कसीक ..

पाणी को मसिक हे भीना ..पानी को मसिक..
तू भुलाण भूल जेई मै भूलू कसीक ..

ओ भीना रंगीलो भीना मोहना रंगीलो ..
भीना ओ रंगीलो भीना मोहना रंगीलो ..
ओ भाना रंगीली भाना ओ भाना रंगीली ..

जिकुडी म बसी च तेरी साँची प्रीत माणी ..
इथे जो कु उथे जो ..सुचदु रात ब्याणी..
जिकुडी म बसी च तेरी साँची प्रीत माणी ..
इथे जो कु उथे जो ..सुचदु रात ब्याणी..
थुबके ऐय जा बेठ जा तू मेरी सिरानी .
थुबके ऐय जा बेठ जा तू मेरी सिरानी .
ओ भाना रंगीली भाना ओ भाना रंगीली ..