सुभ दिन सुभ घड़ी आरती अक्षत ,
पीठे लगाणु छो , पीठे लगनु छो ,
भेजी प्रेम कु धागों च , धागों पेराणु छो ..
तुम्हारी लाडी भूली छो लाडी रो सदा नि ..
लाडी रो सदा नि ..
स्वीकारा मेरी रखडी, आशीष मंगनू छो ..
रखडी को त्यौहार आई ...रक्षा बंधन
रखडी को त्यौहार आई ...रक्षा बंधन
सुभ दिन सुभ वार आई रक्षा बंधन ..
भादों को त्यौहार आई रक्षा बंधन .....
(भाई)...
सुख चिरंजीवी रेई मेरी प्यारी रानी भूली ..
मेरी प्यारी रानी भूली ....
सौ सौ आशीष च तवे खुनी मेरी सभी धानी भूली ..
कांडों भी नि छुभु तेरी तो हाथो खुत्यु माँ...
फूलो माँ हेस्दी खेल्दी ..रेई सदा नि भूली ...
भली हो भल्यार आई रक्षा बंधन ..
भली हो भल्यार आई रक्षा बंधन ..
सुदिन सुबार आई रक्षा बंधन
भादो को त्यौहार आई रक्षा बंधन ..
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