झनि कुजनी कख बाटीनि अ हवेली सुध तेरी खुद तेरी..

झनि कुजनी कख बाटीनि अ हवेली सुध तेरी खुद तेरी..
घुटी घुटी बाडुली लगे गे सांखी मा 
ओ घुटी घुटी बाडुली लगे गे सांखी मा....

 हो हो... हो हो.... हो हो......

झनि कुजनी कख बाटीनि अ हवेली सुध तेरी खुद तेरी
दुई बूंद ओन्शि का चुवे गे आंखी मा
हो दुई बूंद ओन्शि का चुवे गे आंखी मा..
 हो हो... हो हो.... हो हो......

देर सबेर ख्यालू मा नि आंदी जब तलक
भूक ना तीस ना नींद नि आंदी तब तलक..
सर सुरुक लुकी छुपी की देख्दु तेरी झलक 
बिन दिख्यान कब ते रोल्ला अलग अलग..

झनि कुजनी कख बाटीनि अ हवेली सुध तेरी खुद तेरी
मीठी मीठी सी पीड़ा सरे गे छाती मा हो
ओ मीठी मीठी सी पीड़ा सरे गे छाती मा...

 हो हो... हो हो.... हो हो......

कंदुडी बयान्दीन सुनेंदी चुडयूँ की छानमन मन
कुयेडी सी भट्कुनु रन्दु बन बन....
सौण भादों यु बरखा पानी दनमन खुद लगी जिकुड़ी माँ भारी रनमन
झनि कुजनी कख बाटीनि अ हवेली सुध तेरी खुद तेरी...
पोंछी सी कीसवाली लगे गे गात माँ ओ हो पोंछी सी कीसवाली लगे गे गात माँ..

 हो हो... हो हो.... हो हो......

अभी बतोलू की तभी बतोलू सुच्नु रांदु मेरा समानी जब तुम अन्द्या सर बिसरी जांदू
चलक बलक उन मी सब तेरी दिख्नु रांदु दुई बचन भी तेरा गिचन भी सुनन चान्दु
झनि कुजनी कख बाटीनि अ हवेली सुध तेरी खुद तेरी
फूल खिल गीन मन की डांडी कांठी माँ ओ हो हो