पेली तिन रूप को जादू चलायी ..
पेली तिन रूप को जादू चलायी ..
बोल चलायी की न...
फिर सानी सन्युन भटाई..
फिर सानी सन्युन भटाई..
बोल भटाई की न ...
जादू चलोंगी सन्युन भातोंदी और आँखी घुरोंदी अब ..
धन हो मायादार तेरी माया क्या बुन तब ..
धन हो मायादार तेरी माया क्या बुन तब ..
धन हो मायादार तेरी माया क्या बुन तब ..
मीठी छुई की चासनी चक्खे की तिन ..चासनी चखे की ..
तिन माया जाल मा फसयु मी ..माया जाल मा फसयु मी .
दिन दोपहर सुपिन्य दिखे की ..सुपिन्या दिखे की
तिन झूटी सौ मा थागयु मी ..
झूटी सौ मा थागयु मी ..
धन हे मायादार ...तेरी माया क्या बुन तब ..
धन हे मायादार ...तेरी माया क्या बुन तब .
तेरा पेरंग रूप का चुम्बक मा ..हा चुम्बक मा .का
खीच खीच का आयु छो ..
खीच खीच का आयु छो ..
तेरा क्रोध न तो पट मर्यालू छो ..पट मर्यालू छो ..
तेरा माया का बचायु छो ..
पहले मरिंदी फिर मारी बचोंदी ..और
आँखी घुरोंदी अब ...
धन हो माया ...तेरी माया क्या बुन तब ..
पेली तिन रूप को जादू चलायी ..
बोल चलायी की न...
फिर सानी सन्युन भटाई..
फिर सानी सन्युन भटाई..
बोल भटाई की न ...
जादू चलोंगी सन्युन भातोंदी और आँखी घुरोंदी अब ..
धन हो मायादार तेरी माया क्या बुन तब ..
धन हो मायादार तेरी माया क्या बुन तब ..
धन हो मायादार तेरी माया क्या बुन तब ..
मीठी छुई की चासनी चक्खे की तिन ..चासनी चखे की ..
तिन माया जाल मा फसयु मी ..माया जाल मा फसयु मी .
दिन दोपहर सुपिन्य दिखे की ..सुपिन्या दिखे की
तिन झूटी सौ मा थागयु मी ..
झूटी सौ मा थागयु मी ..
धन हे मायादार ...तेरी माया क्या बुन तब ..
धन हे मायादार ...तेरी माया क्या बुन तब .
तेरा पेरंग रूप का चुम्बक मा ..हा चुम्बक मा .का
खीच खीच का आयु छो ..
खीच खीच का आयु छो ..
तेरा क्रोध न तो पट मर्यालू छो ..पट मर्यालू छो ..
तेरा माया का बचायु छो ..
पहले मरिंदी फिर मारी बचोंदी ..और
आँखी घुरोंदी अब ...
धन हो माया ...तेरी माया क्या बुन तब ..
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