कनु  लाडिक  बिगड़ी  मयारू  ब्वारी  कैरी   की 
केम  लगनीं  छुई  अपनी  खेरी  की 
कनु  लाडिक  बिगड़ी  मयारू  ब्वारी  कैरी   की 
केम  लगनीं  छुई  अपनी  खेरी  की 
छुई  अपनी  खेरी  की 

नथुली  बेचीं पढाई  लिखाई  -2
पुन्ग्दी  बेचीं  की  मिल  ब्वारी  कयी
सोची  चौ  ब्वारी  को  सुख  दयेखुलु
डोला  बाटी  ब्वारी  भवे  भी  नि  आई 
नौना दगडी  चल  गी  देस  बौगा  मारी  की 
केम  लगनीं  छुई  अपनी  खेरी  की 
छुई  अपनी  खेरी  की 

ब्वारी  बिचारिल  इन  जाप  कयी  -2
सैन्त्युं  नौनु  भी  बस  मा  नि  राहि 
अब  ता  हमते  पह्चंदु  बी  नि  च 
अपणु ही  सोनू  खोटू  हवे  ग्यायी 
क्या  पायी  एका  बहना  मिल  ज्यूँ  मरी  की 
कैम  लगनीं  चुई  अपनी खैर की  
कनु  लाडिक  बिगड़ी  मयारू  ब्वारी  कैरी  की 
कैम  लगनीं  चुई  अपनी  खैर की 

चौन्दी  ब्वारी  स्यु  चुन  दान्दियुं  जानू  -2
डोखरी पुन्ग्दियुं  मा  हद्गियुं   तुदाणु 
लैंदा  कीदन  ये  घोरें  जन्दीना 
में  स्यु  चौ  बंझा  भैंसों  चरनु 
सैतियुं सम्भाल्युन  ली  जन्दिना  झाडी काटी  की 
कैम  लगनीं  चुई  अपनी  खैर की 

भली  बुरी  चीज  लोगुन  की  एइनी  -2
मिल द्वे  दानी  चनो  की  नि  पैनी 
मकुनी सेवा  सुनली  भी  हर्ची 
सम्धानियुं  तेने  मनी आर्डर  गिनी 
क्या पायी  एका  बहना  मिल  ज्यूँ  मरी  की 
कैम  लगनीं  चुई  अपनी  खारी  की 
केम  लगनीं  छुई  अपनी  खेरी  की 
छुई  अपनी  खेरी  की