चला फुलारी फूलों को
सौदा-सौदा फूल बिरौला
सौदा-सौदा फूल बिरौला
हे जी सार्यूं मा फूलीगे ह्वोलि फ्योंली लयड़ी
मैं घौर छोड्यावा
हे जी घर बौण बौड़ीगे ह्वोलु बालो बसंत
मैं घौर छोड्यावा
हे जी सार्यूं मा फूलीगे ह्वोलि
मैं घौर छोड्यावा
हे जी घर बौण बौड़ीगे ह्वोलु बालो बसंत
मैं घौर छोड्यावा
हे जी सार्यूं मा फूलीगे ह्वोलि
चला फुलारी फूलों को
सौदा-सौदा फूल बिरौला
भौंरों का जूठा फूल ना तोड्यां
म्वारर्यूं का जूठा फूल ना लायाँ
सौदा-सौदा फूल बिरौला
भौंरों का जूठा फूल ना तोड्यां
म्वारर्यूं का जूठा फूल ना लायाँ
ना उनु धरम्यालु आगास
ना उनि मयालू यखै धरती
अजाण औंखा छिन पैंडा
मनखी अणमील चौतर्फी
छि भै ये निरभै परदेस मा तुम रौणा त रा
मैं घौर छोड्यावा
हे जी सार्यूं मा फूलीगे ह्वोलि
ना उनि मयालू यखै धरती
अजाण औंखा छिन पैंडा
मनखी अणमील चौतर्फी
छि भै ये निरभै परदेस मा तुम रौणा त रा
मैं घौर छोड्यावा
हे जी सार्यूं मा फूलीगे ह्वोलि
फुल फुलदेई दाल चौंल दे
घोघा देवा फ्योंल्या फूल
घोघा फूलदेई की डोली सजली
गुड़ परसाद दै दूध भत्यूल
घोघा देवा फ्योंल्या फूल
घोघा फूलदेई की डोली सजली
गुड़ परसाद दै दूध भत्यूल
अयूं होलू फुलार हमारा सैंत्यां आर चोलों मा
होला चैती पसरू मांगना औजी खोला खोलो मा
ढक्यां मोर द्वार देखिकी फुलारी खौल्यां होला
होला चैती पसरू मांगना औजी खोला खोलो मा
ढक्यां मोर द्वार देखिकी फुलारी खौल्यां होला
Hindi Translation :
चलो ‘फुलारियो’! (फूल डालने वाले बच्चे) फूलों के लिए
ताज़े ताज़े फूल चुन लें
हे जी ! खेतों में खिल गयी होंगी ‘फ्योलि’ की लड़ियाँ
मुझे घर छोड़ आओ
हे जी ! घर और वन में लौट आया होगा सुकुमार बसन्त
मुझे घर छोड़ आओ
मुझे घर छोड़ आओ
हे जी ! घर और वन में लौट आया होगा सुकुमार बसन्त
मुझे घर छोड़ आओ
चलो ‘फुलारियो’! (फूल डालने वाले बच्चे) फूलों के लिए
ताज़े ताज़े फूल चुन लें
भँवरों के झूठे फूल ना तोड़ना
मधु-मक्खियों के झूठे फूल ना लाना
ताज़े ताज़े फूल चुन लें
भँवरों के झूठे फूल ना तोड़ना
मधु-मक्खियों के झूठे फूल ना लाना
ना वैसा निर्मल यहाँ का आकाश, ना स्नेहिल यहाँ की धरती
अनजान लोग हैं, विपरीत
मनुष्य अनमेल हैं चारों ओर
छी ! अभागे परदेस में तुम्हें रहना है, रहो
मुझे घर छोड़ आओ
अनजान लोग हैं, विपरीत
मनुष्य अनमेल हैं चारों ओर
छी ! अभागे परदेस में तुम्हें रहना है, रहो
मुझे घर छोड़ आओ
फुल फुल देवी! दाल चावल दे
घोघा देवता, फ्युली के फूल
घोघा फुलदेयी की डोली सजेगी
गुड़ का प्रसाद, दही, दूध-भात का नैवेद्य
घोघा देवता, फ्युली के फूल
घोघा फुलदेयी की डोली सजेगी
गुड़ का प्रसाद, दही, दूध-भात का नैवेद्य
खिले होंगे फूल हमारे उगाये हुवे आड़ू (peach), ख़ुबानी (apricot) पर
होंगे चैत (महीने) का शगुन माँग रहे, औजी (drummers) आँगन आँगन में
ढके हुवे दरवाजे (मोरी) देख कर ‘फुलारि’ (फूल डालने वाले बच्चे), ठगे रह गये होंगे
होंगे चैत (महीने) का शगुन माँग रहे, औजी (drummers) आँगन आँगन में
ढके हुवे दरवाजे (मोरी) देख कर ‘फुलारि’ (फूल डालने वाले बच्चे), ठगे रह गये होंगे
English Translation :
Let’s go ! ‘Phulari’ for flowers
will pick fresh flowers
O dear ! In the fields must have blossomed’Phyoli’ buds
Take me home
O dear ! Home & woods have rebounded with primness spring
Please take me home
O dear ! In the fields must have blossomed
Take me home
O dear ! Home & woods have rebounded with primness spring
Please take me home
O dear ! In the fields must have blossomed
Let’s go ! ‘Phulari’ for flowers
will pick fresh flowers
Don’t pluck flowers tasted by bumblebees
Don’t bring flowers tasted by honeybees
will pick fresh flowers
Don’t pluck flowers tasted by bumblebees
Don’t bring flowers tasted by honeybees
Sky here isn’t serene alike not the land Loving either
Unknown people, unlike Odd people all around
Fie ! you in this unlucky place
Fie ! in this unlucky place
live here if you want
take me home
O dear ! In the fields
must have blossomed
Unknown people, unlike Odd people all around
Fie ! you in this unlucky place
Fie ! in this unlucky place
live here if you want
take me home
O dear ! In the fields
must have blossomed
O Phuldeyi ! Give lentils and rice
O Lord Ghogha ! give flowers of ‘Phyoli’
will adorn the palanquin of Ghogha & Phuldeyi
offerings of jaggery, curd, oblation of milk & Rice
O Lord Ghogha ! give flowers of ‘Phyoli’
will adorn the palanquin of Ghogha & Phuldeyi
offerings of jaggery, curd, oblation of milk & Rice
Flowers must have blossom on peach, apricot we planted
‘Aujis’ in the courtyards, must be asking for the new year’s favours
seeing locked doors Phulari would have stunned…
‘Aujis’ in the courtyards, must be asking for the new year’s favours
seeing locked doors Phulari would have stunned…