प्रेम की पीड़ा को शब्दों के मोती से बया करके फिर उसे अपनी आवाज़ की मधुरता से पूर्ण करने की कला यदि किसी को आती हे तो वो श्री नेगीजी ही हे । उनके गीत
"चुलू जगोंदी बगत आई" को जितनी बार सुनो उतनी बार कम लगता है । न जाने कितने लोग अपना परिवार अपना पहाड़ छोडके शेहरो में अकेले जिन्दगी काट रहे हे ।ऐसे में ये गीत उनकी भावनाओं को कुछ ऐसे छूता हे जेसे मानो ये उनकी ही कहानी हो । यही तो ख़ास बात हे नेगीजी की उनके गीत होते ही पहाड़ के लोगो के लिए है । इसीलिए उन्हें गढ़रत्न कहते है ।
आनंद ले इस गीत के लिरिक्स का ..
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"चुलू जगोंदी बगत आई" को जितनी बार सुनो उतनी बार कम लगता है । न जाने कितने लोग अपना परिवार अपना पहाड़ छोडके शेहरो में अकेले जिन्दगी काट रहे हे ।ऐसे में ये गीत उनकी भावनाओं को कुछ ऐसे छूता हे जेसे मानो ये उनकी ही कहानी हो । यही तो ख़ास बात हे नेगीजी की उनके गीत होते ही पहाड़ के लोगो के लिए है । इसीलिए उन्हें गढ़रत्न कहते है ।
आनंद ले इस गीत के लिरिक्स का ..
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चुलू जगोंदी बगत आई
कभी चुलू मुझोंदी बगत आई
नि घुटे फेर गफा
तुम्हारी याद खांदी बगत आई ..!!!!
द्यु जगोंदी बगत आई ..
कभी द्यु मूझोंदी बगत आई ..
कभी द्यु जगोंदी बगत आई ..
कभी द्यु मूझोंदी बगत आई ..
नि घुटे फेर गफा
तुम्हारी याद खांदी बगत आई ..!!!!
चुलू जगोंदी बगत आई
कभी चुलू मुझोंदी बगत आई
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कभी चुलू मुझोंदी बगत आई
नि घुटे फेर गफा
तुम्हारी याद खांदी बगत आई ..!!!!
द्यु जगोंदी बगत आई ..
कभी द्यु मूझोंदी बगत आई ..
कभी द्यु जगोंदी बगत आई ..
कभी द्यु मूझोंदी बगत आई ..
नि घुटे फेर गफा
तुम्हारी याद खांदी बगत आई ..!!!!
चुलू जगोंदी बगत आई
कभी चुलू मुझोंदी बगत आई
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मिलदी गुडदी बेर कभी ..
कभी लौन्दी बांदी दा सार्यो मा..
मिलदी गुडदी बेर कभी ..
कभी लौन्दी बांदी दा सार्यो मा..
कभी यखुली यखुली ..छ्जा मुड़ी..
ग्यु छच्यांदी बगत आई ..
नि घुटे फेर गफा
तुम्हारी याद खांदी बगत आई ..!!!!
कभी द्यु जगोंदी बगत आई ..
कभी द्यु मूझोंदी बगत आई ...
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कभी लौन्दी बांदी दा सार्यो मा..
मिलदी गुडदी बेर कभी ..
कभी लौन्दी बांदी दा सार्यो मा..
कभी यखुली यखुली ..छ्जा मुड़ी..
ग्यु छच्यांदी बगत आई ..
नि घुटे फेर गफा
तुम्हारी याद खांदी बगत आई ..!!!!
कभी द्यु जगोंदी बगत आई ..
कभी द्यु मूझोंदी बगत आई ...
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रुड़ी भमांण दिन मा कभी ...
कभी लम्भी हुन्दी रातयो मा..
चोमास आंदी ..बेर कभी
मोल्यार जांदी बगत आई ..
नि घुटे फेर गफा
तुम्हारी याद खांदी बगत आई ..!!!!
चुलू जगोंदी बगत आई
कभी चुलू मुझोंदी बगत आई
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कभी लम्भी हुन्दी रातयो मा..
चोमास आंदी ..बेर कभी
मोल्यार जांदी बगत आई ..
नि घुटे फेर गफा
तुम्हारी याद खांदी बगत आई ..!!!!
चुलू जगोंदी बगत आई
कभी चुलू मुझोंदी बगत आई
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होल जान्दा ..हल्यु देखि ..
कभी ..घर बाड़ा सिपायु देखि ...
होल जान्दा ..हल्यु देखि ..
कभी ..घर बाड़ा सिपायु देखि ...
कभी बाटा बिरद्या..के बटवे..
बाटू बतान्दी बगत आई ..
नि घुटेदु हेर गफा
तुम्हारी याद खांदी बगत आई ..!!!!
कभी द्यु जगोंदी बगत आई ..
कभी द्यु मूझोंदी बगत आई ..
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कभी ..घर बाड़ा सिपायु देखि ...
होल जान्दा ..हल्यु देखि ..
कभी ..घर बाड़ा सिपायु देखि ...
कभी बाटा बिरद्या..के बटवे..
बाटू बतान्दी बगत आई ..
नि घुटेदु हेर गफा
तुम्हारी याद खांदी बगत आई ..!!!!
कभी द्यु जगोंदी बगत आई ..
कभी द्यु मूझोंदी बगत आई ..
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दूर यख परदेश मा ..
लगनी च खुद बखि बात की ..
दूर यख परदेश मा ..
लगनी च खुद बखि बात की ..
कभी बडुली थमदी..बेर कभी ..
आंसू लुकांदी बगत आई ...
लगनी च खुद बखि बात की ..
दूर यख परदेश मा ..
लगनी च खुद बखि बात की ..
कभी बडुली थमदी..बेर कभी ..
आंसू लुकांदी बगत आई ...
नि घुटेदु हेर गफा
तुम्हारी याद खांदी बगत आई ..!!!!
कभी चुलू जगोंदी बगत आई
चुलू जगोंदी बगत आई
कभी चुलू बुझोंदी बगत आई
नि घुटेदु हेर गफा
तुम्हारी याद खांदी बगत आई ..!!!!
चुलू जगोंदी बगत आई
कभी चुलू बुझोंदी बगत आई||
तुम्हारी याद खांदी बगत आई ..!!!!
कभी चुलू जगोंदी बगत आई
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चुलू जगोंदी बगत आई
कभी चुलू बुझोंदी बगत आई
नि घुटेदु हेर गफा
तुम्हारी याद खांदी बगत आई ..!!!!
चुलू जगोंदी बगत आई
कभी चुलू बुझोंदी बगत आई||
अंकित जी! आपने ब्लॉग को बहुत ही सुन्दर तरीके से डिजायन किया है. आपका ब्लॉग पर हमारे गढ़वाली गानों को प्रचारित करने का ढंग बहुत ही सुन्दर और अनूठा है। गाने से पूर्व भूमिका बहुत अच्छी लगती हैं। मुझे आपके ब्लॉग पर आकर बहुत अच्छा लगा। मुझे ऐसे अपने लोगों से मिलकर बड़ी ख़ुशी मिलती हैं जो हमारे गढ़वाल का प्रचार किसी न किसी रूप में करते रहते हैं.
ReplyDeleteहार्दिक शुभकामनाओं सहित
आपका बहुत बहुत धन्यवाद कविता जी :-)
DeleteBhut badiya bheji ankit, aap jaiso ki wajah se aaj hamari shanskriti bachi hai or aaj aap ki is website k wajah se hm garhwali gano k saath Jude hai. Bhut bhut dhanyawad aapku jai uttarakhand
ReplyDeleteभाग जोग संजोग वाला भी डालो भाई
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