आई पंचमी माऊ की बाँटि हरयाली जौ की,
आई मैना चैत को बाटू बतै ग्ये मैत को,
मैत वाळि मैत होलि निर मैताणी रोलि यकुलि,
नि रौणु छोरि पापणि क्वी नि च तेरि आपणी।
काका बौडा मा रौणु नि अपणु रंग खौणु नि
छक्वै कि रौणु ब्यै मुंग फिर नि रौणु कै मुंग।।