shared by : anurag chauhan

मेरा ये पोस्ट देश के वीरो के नाम ,,,,,यह एक
उत्तराखंडी गीत है
जिसका हिंदी अर्थ भी मै लिख रहा हु जिससे
मेरे सभी दोस्तों को ये गीत समझ आ सके,
हालाकि हिंदी में translation करने से गीत के
अर्थो को ,भावो को अच्छे से महसोस
नहीं किया जा सकेगा !!!
इस गीत में देश
का सिपाही अपनी पत्नी को बॉर्डर
से सन्देश भेज रहा है ,अपने दुःख को बता रहा है , हौसला रखने
की बात कर रहा है ,,!!
"जम्मू कश्मीर माँ गजुली लगिगे लड़ाई ,,
राजी ख़ुशी छ
मेरी गजुली मन न झुरायी ,,
जम्मू कश्मीर माँ गजुली लगिगे लड़ाई ,,
राजी ख़ुशी छ
मेरी गजुली मन न झुरायी
(जमू कश्मीर की लड़ाई में मुझे दुश्मनों से
लड़ना पड़ता है, यहाँ मै ठीक हु , तुम बस अपना ख्याल
रखना )

बैर्यो दागद मेरी गजुली मन
लागैकी लड़ दू
गिचा पर कु खानु बे गजुली छत छुडन पद दू',,
बैर्यो दागद मेरी गजुली मन
लागैकी लड़ दू
गिचा पर कु खानु बे गजुली छत छुडन पद दू',,
पीठी माँ पिथिवा धर ,,हाथ
माँ पैरंदी गन
पीठी माँ पिथिवा धर ,,हाथ
माँ पैरंदी गन ,,
देवतो नौ पिथायी ,,,राजी ख़ुशी छ
मेरी गजुली मन न झुरायी
(दुश्मनों के साथ मै जी जान से लड़ रहा हु ,कई बार
तो हमें एक पल का निवाला भी खाने को समय
नहीं लगता है और जब समय लगता है तो कई बार
खाना बीच में छोड़ के ही लड़ना पड़ता है देश
के लिए ,, हमें पीठ पर बहुत भारी सामान हर
दम ढोना पड़ता है ,,हाथो में हरपाल गन रहती है ,,माथे पे
देवताओ के नाम का टीका रहता है ,,,यहाँ मै
ठीक हु , तुम बस अपना ख्याल रखना !)
लेह लदाख ड्यूटी लगी तू
ही बतौ क्या कन
क्वि बौडीक आला घर कैम होलू कफ़न ,,
लेह लदाख ड्यूटी लगी तू
ही बतौ क्या कन

क्वि बौडीक आला घर कैम होलू कफ़न ,,
ऐंसू विधाता बैरी बनी ,यनु बजर गोलू
पड़ी
ऐंसू विधाता बैरी बनी, यनु बजर गोलू
पड़ी ,,
मची गे
तबाही ,,राजी ख़ुशी छ
मेरी गजुली मन न झुरायी
(घर मै भी आना चाहता हु लेकिन लेह और लद्दाख में
अपना कर्त्तव्य नहीं छोड़ सकता ,,देश को खतरे में
नहीं दाल सकता , कुछ लोग तो घर लौट के आयंगे लेकिन
शायद कुछ को कफ़न के साथ लाया जाएगा , इस बार भगवन ने
भी साथ छोड़ दिया है ,हमारे बहुत सारे सैनिक दुश्मन के बम
हमले में मारे गए है ,,यहाँ मै ठीक हु , तुम बस
अपना ख्याल रखना )
तवे बगैर मेरी गजुली मन उदास होन्दु
जब औंदी याद तेरी, ल्वे का आंसू रोंदू ,,
तवे बगैर मेरी गजुली मन उदास होन्दु

जब औंदी याद तेरी ,ल्वे का आंसू रोंदू ,,
बॉन भेलो माँ जाली काखी ,,मन तै सदा खुस
रखी
बॉन भेलो माँ जाली काखी ,,मन तै सदा खुस
रखी
धीरज
धर्याली ,,राजी ख़ुशी छ
मेरी गजुली मन न झुरायी ,,,!!!
(मेरी प्यारी गजुली ,,तुम्हारे
बिना यहाँ दिल नहीं लगता ,,जब तुम्हारी याद
आती है तो रो भी लेता हु ,,, तुम बॉन, पहाड़ो ,
काम पर जहा भी जाओ ,,सही से
रहना ,,सदा खुश रहना ,,, मेरा इंतज़ार करना ,, धीरज
रखना ,,यहाँ मै ठीक हु , तुम बस अपना ख्याल रखना )